**Maha Shivratri 2025: महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और जानकारी**  

Maha Shivratri हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, जिसे भगवान शिव की आराधना और उनके विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।Maha Shivratri, 2025 में यह त्योहार **26 फरवरी, बुधवार** को मनाया जाएगा। इस दिन शिवभक्त व्रत रखकर, रुद्राभिषेक करके, और जागरण करके भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आइए, जानते हैं इस पर्व से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें।  

Maha Shivratri  न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अहम है:  

– ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान किया था।  

– इस रात्रि को शिव-पार्वती के विवाह का प्रतीक माना जाता है।  

– यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का संदेश देता है।  

– व्रत और पूजा से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है।  

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– **महा शिवरात्रि तिथि**: 26 फरवरी 2025 (बुधवार)  

**चतुर्दशी तिथि आरंभ**: 25 फरवरी, रात 09:31 बजे  

– **चतुर्दशी तिथि समाप्त**: 26 फरवरी, रात 11:00 बजे  

– **निशिता काल (सबसे शुभ समय)**: 26 फरवरी, रात 12:07 से 12:56 बजे तक  

*नोट*: निशिता काल में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है।  

Maha Shivratri 2025

1. **व्रत का संकल्प**: सुबह स्नान करके पूरे दिन निराहार या फलाहारी व्रत रखें।  

2. **शिवलिंग की सजावट**: शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र से स्नान कराएं।  

3. **रुद्राभिषेक**: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।  

4. **भोग लगाएं**: धतूरा, भांग, फल, और मिठाई अर्पित करें।  

5. **जागरण**: रातभर भजन-कीर्तन करें और शिव कथाएं सुनें।  

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– **भस्म**: शिव को भस्म अर्पित करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है।  

– **बेलपत्र**: इनके बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है।  

– **धतूरा**: यह शिव का प्रिय भोग है।  

– **पंचामृत**: दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से बना मिश्रण।  

– **काशी विश्वनाथ मंदिर** (वाराणसी): यहां के ज्योतिर्लिंग की पूजा का विशेष फल मिलता है।  

– **सोमनाथ मंदिर** (गुजरात): भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम।  

– **पशुपतिनाथ मंदिर** (नेपाल): यहां हज़ारों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं।  

– **महाकालेश्वर मंदिर** (उज्जैन): यहां की भस्म आरती प्रसिद्ध है।  

– **योग्यता**: कोई भी उम्र या लिंग का व्यक्ति व्रत रख सकता है।  

– **सावधानियां**:  

  – गर्भवती महिलाएं या बीमार व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के बाद ही व्रत रखें।  

  – व्रत में अनाज और नमक का सेवन वर्जित है।  

  – मन में नकारात्मक विचार न लाएं।  

**Q1. क्या महिलाएं शिवरात्रि का व्रत रख सकती हैं?**  

हां, शिवरात्रि का व्रत सभी के लिए खुला है।  

**Q2. क्या शिवलिंग पर तुलसी दल चढ़ाना चाहिए?**  

नहीं, तुलसी शिव पूजा में वर्जित है। केवल बेलपत्र चढ़ाएं।  

**Q3. रात्रि जागरण क्यों जरूरी है?**  

मान्यता है कि जागरण से शिव-पार्वती प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।  

महा शिवरात्रि 2025 में भक्ति और उत्साह के साथ मनाएं। इस दिन की गई पूजा और व्रत से जीवन में सुख-शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। चाहे आप मंदिर जाएं या घर पर पूजा करें, शिव की कृपा सभी पर बरसती है। **हर-हर महादेव!**  

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